Breaking Ticker

China News: शी जिनपिंग के बगल में बैठे पूर्व राष्ट्रपति को पार्टी कांग्रेस से ‘जबरन’ निकाला बाहर, चल रहा था सीपीसी का समापन समारोह

 

शी जिनपिंग के बगल में बैठे पूर्व राष्ट्रपति को पार्टी कांग्रेस से 'जबरन' निकाला बाहर (Photo Source- Reuters)

चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस में बड़ा बवाल देखने को मिला। बैठक के दौरान शी के बगल में बैठे चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को उठा दिया गया। पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को जबरन बाहर निकाला गया।

दरअसल, शी जिनपिंग ने पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को लाइव टीवी पर सीसीपी शिखर सम्मेलन से बाहर निकाल दिया। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि सुरक्षाकर्मियों ने हू जिंताओ को जबरन हाथ पकड़कर बाहर निकाल दिया। लाइव टीवी पर यह भी देखा गया कि पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ निकलना नहीं चाहते थे और उन्होंने इसका विरोध भी किया। फिर भी सुरक्षाकर्मियों ने हू जिंताओ को जबरन हाथ पकड़कर बाहर निकाल दिया।

पूर्व राष्ट्रपति को पार्टी कांग्रेस से निकाला बाहर: वीडियो में दिख रहा है कि 79 वर्षीय हू जिंताओ शी जिनपिंग के बाईं ओर बैठे थे। तभी बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल के मुख्य सभागार के मंच से दो लोगों द्वारा उनको बाहर निकाला जा रहा है। ‘जबरन’ उठाने से पहले दोनों शख्स जिंताओ से कुछ देर बात भी करते हैं और फिर उन्हें पकड़कर बाहर कर लिया जाता है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि माजरा क्या है। वीडियो सामने आने के बाद पर यह तो साफ हो गया है कि चीन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है।

इसके अलावा शी जिनपिंग के कट्टर विरोधी प्रधानमंत्री ली कचीयांग के खिलाफ भी पार्टी कांग्रेस ने एक्शन लिया है। उन्हें सेंट्रल कमेटी से बाहर कर दिया गया है। ली कचीयांग को जिनपिंग का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। इस तरह शी जिनपिंग के बाद पार्टी में दूसरे नंबर के नेता को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

जिनपिंग की चीनी हुकूमत पर पकड़ मजबूत: वहीं, दूसरी ओर पांच साल में एक बार आयोजित होने वाली कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक पार्टी के संविधान में किए गए संशोधनों के साथ संपन्न हुई। इस दौरान पार्टी की केंद्रीय समिति के चुनाव और राष्ट्रपति शी चिनफिंग को और अधिकार देने के लिए अपने संविधान में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव पारित किए गए जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब शी जिनपिंग की चीनी हुकूमत पर पकड़ और मजबूत होगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ