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Dengue in Prayagraj: प्रयागराज में बाढ़ प्रभावित इलाकों में मिल रहे डेंगू के मरीज

प्रयागराज में मिले अब तक 15 मरीज, स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्रों में भेजी टीम

प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर कम होने के बाद लोगों को बाढ़ से कुछ राहत मिली है। हालांकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए नई मुसीबत आ गई है। यहां डेंगू समेत अन्य संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। जिला मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, अभी तक 15 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इसमें 12 लोग स्वस्थ भी हाे चुके हैं, बाकी तीन मरीज ऐसे हैं जिन्हें भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर कम होने के बाद लोगों को बाढ़ से कुछ राहत मिली है। हालांकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए नई मुसीबत आ गई है। यहां डेंगू समेत अन्य संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। जिला मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, अभी तक 15 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इसमें 12 लोग स्वस्थ भी हाे चुके हैं, बाकी तीन मरीज ऐसे हैं जिन्हें भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

किसी भी डेंगू संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है। छोटा बघाड़ा, राजापुर, सलोरी, शंकरघाट, म्योराबाद, राजापुर, अशोकनगर में डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा हो गया है। गुरुवार और शुक्रवार को जो दो मरीज डेंगू के मिले हैं, वह अशोकनगर के रहने वाले हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई टीम

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.आनंद सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में दवा के छिड़काव के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के लिए टीमें लगाई गई हैं। इनमें भी डेंगू के लक्षण मिल रहे हैं। उन्हें चिह्नित कर एलाइजा टेस्ट कराया जा रहा है। अभी तक 15 डेंगू के मरीज मिले हैं।

उन्होंने बताया कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। वहीं सुबह और शाम के समय मलेरिया का मच्छर। इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोग पूरी आस्तीन के कपड़े जरूर पहनें।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में मिल रहे डेंगू के मरीज:प्रयागराज में अब तक मिले 15 मरीज, स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्रों में भेजी टीम

प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर कम होने के बाद लोगों को बाढ़ से कुछ राहत मिली है। हालांकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए नई मुसीबत आ गई है। यहां डेंगू समेत अन्य संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। जिला मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, अभी तक 15 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इसमें 12 लोग स्वस्थ भी हाे चुके हैं, बाकी तीन मरीज ऐसे हैं जिन्हें भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

किसी भी डेंगू संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है। छोटा बघाड़ा, राजापुर, सलोरी, शंकरघाट, म्योराबाद, राजापुर, अशोकनगर में डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा हो गया है। गुरुवार और शुक्रवार को जो दो मरीज डेंगू के मिले हैं, वह अशोकनगर के रहने वाले हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई टीम

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.आनंद सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में दवा के छिड़काव के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के लिए टीमें लगाई गई हैं। इनमें भी डेंगू के लक्षण मिल रहे हैं। उन्हें चिह्नित कर एलाइजा टेस्ट कराया जा रहा है। अभी तक 15 डेंगू के मरीज मिले हैं।

उन्होंने बताया कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। वहीं सुबह और शाम के समय मलेरिया का मच्छर। इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोग पूरी आस्तीन के कपड़े जरूर पहनें।

शहर के 10 से ज्यादा इलाके बाढ़ की चपेट में थे। अब बाढ़ से लोगों को राहत मिलने लगी है।

शहर के 10 से ज्यादा इलाके बाढ़ की चपेट में थे। अब बाढ़ से लोगों को राहत मिलने लगी है।

एंटी लार्वा का हो रहा छिड़काव


जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि विशेष तौर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों से अपील की है, वह जलजनित बीमारियों से बचाव पर विशेष ध्यान दें। मच्छरों को नियंत्रित करने और इससे बचने को लेकर जितनी सावधानी अपनाई जाएगी, उतना ही प्रभावी बचाव हो सकेगा। मलेरिया विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम जल जनित रोगों के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ लार्वासाइड का छिड़काव और फॉगिंग कर रही है।

डॉक्टर बोले- बुखार को न लें हल्के में

डॉ आनंद ने कहा कि बाढ़ में पानी प्रदूषित हो जाता है। इस मौसम में वैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं। अधिकांश बीमारियां इस दौरान गंदे पानी से होती हैं। इससे बचने के लिए बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के लोग ताज़ा गर्म खाना खाएं व साफ उबला हुआ पानी का प्रयोग करें। घर की खिड़कियों में जाली लगाएं और दरवाजों को खुला न छोड़ें। मॉस्किटो रिपेलन्ट का इस्तेमाल करें। पेय पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।

बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक होने पर शरीर पर पानी में भिगोकर पट्टियां रखें। मरीज को आराम करने दें, सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें। बुखार में बिना चिकित्सक के परामर्श के कोई दवा न खाएं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

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