उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना से आज नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव जी ने उनके कार्यालय कक्ष में पुष्पगुच्छ देते हुए शिष्टाचार भेंट की। |
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने 5:30 बजे का समय लिया था। मुलाकात करके चाचा शिवपाल की सीट बदले जाने की जो मांग की गई थी उस पर उन्होंने चर्चा की।
यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष की सीट पर भी चर्चा
कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश यादव की मुलाकात यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष की सीट पर भी हुई है।अखिलेश यादव ने मांग रखी है कि उनकी ओर से उतारे जा रहे उम्मीदवार को ही यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया जाए। अखिलेश या नहीं चाहते हैं कि उनके चाचा यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष न चुने जाएं।
अखिलेश को डर नितिन की तरह शिवपाल न जाएं उपाध्यक्ष
अखिलेश यादव को या डर है कहीं नितिन अग्रवाल की तरीके से इस बार फिर से भाजपाई बड़ा दांव न खेल दें। समाजवादी पार्टी के प्रमुख या नहीं चाहते हैं कि भाजपा इस बार यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर उनके विरोधी विपक्ष के नेता को बैठा पाए। अखिलेश विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपने उम्मीदवार की चर्चा भी की है।
अखिलेश से दूरी के बाद शिवपाल के बदले हैं सुर
यूपी विधानसभा 2022 के चुनाव परिणाम के बाद शिवपाल यादव में अखिलेश यादव से दूरी बना ली और लगातार वह उनकी राजनीति की अपरिपक्वता को लेकर बयान भी दे रहे हैं। इससे अखिलेश यादव को यह जरूर डर सता रहा है कि शिवपाल यादव यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर भाजपा के खेमे से काबिज हो सकते हैं।
14 वर्ष बाद 18वां उपाध्यक्ष चुने गए थे नितिन अग्रवाल
2021 को 18 अक्तूबर को यूपी विधानसभा के इतिहास में 18वें उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल चुने गए थे। इससे पहले 31 जुलाई 1937 को अब्दुल हकीम पहले उपाध्यक्ष बने थे। फिर नफीसुल हसन, हरगोविंद पंत, रामनारायण त्रिपाठी, होतीलाल अग्रवाल, श्रीपति मिश्र, वासुदेव, शिवनाथ सिंह कुशवाहा, जगन्नाथ प्रसाद, यादवेंद्र सिंह उर्फ लल्लन जी, हुकुम सिंह, त्रिलोक चंद्र, सुरेन्द्र सिंह चौहान, राम आसरे वर्मा, डॉ. अम्मार रिजवी, डॉ. वकार अहमद शाह और 17वें विधानसभा उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल (30 जुलाई 2004 से 13 मई 2007 तक) रहे।
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