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Children's competition held at Anganwadi centers in Auraiya: औरैया में आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुई बच्चों की प्रतियोगिता: 2 अक्टूबर को बच्चों को किया जाएगा पुरस्कृत, ट्रैकर से नापा गया स्वास्थ्य





औरैया में पोषण माह के तहत जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता का आयोजन बृहस्पतिवार को किया गया। प्रतियोगिता में प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन-तीन बच्चों का चयन किया गया। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले कुल 4319 बच्चों को 2 अक्टूबर को ग्राम पंचायत स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा और उनकी माताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।

चार्ट से नापी गई लंबाई

जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने गुरुवार को भीखमपुर, बनारसीदास, बिरिया और औरैया आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र पर उपस्थित लोगों को पोषण के प्रति जागरूक किया। केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों पर ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस, ग्रोथ चार्ट और कम्यूनिटी ग्रोथ चार्ट से बच्चों की लंबाई नापी गई। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वजन लेने के बाद वजन, लंबाई और ऊंचाई की फीडिंग पोषण ट्रैकर पर की गयी। प्रतियोगिता के बाद सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की प्रथम, द्वितीय, तृतीय रैंकिंग की गयी।



पांच साल तक के बच्चों ने लिया हिस्सा

कार्यक्रम में मौजूद सीडीपीओ सुधा त्रिपाठी ने बताया कि जिन बच्चों का वजन लंबाई के हिसाब से काफी कम होता है वह गंभीर कुपोषित माने जाते हैं। उन्होंने बताया की प्रतियोगिता का मकसद पांच साल तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना, पोषण की महत्ता पर जागरूकता बढ़ाना तथा सुपोषित यूपी की परिकल्पना को साकार करना है।



इन मानकों के हिसाब से मिलें अंक

स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता में मासिक वृद्धि निगरानी के पांच, व्यक्तिगत स्वच्छता के 10, सामान्य श्रेणी में बने रहने या फिर सैम से मैम और मैम से सामान्य श्रेणी में आने पर 10 अंक, छह माह तक केवल स्तनपान, दो वर्ष तक स्तनपान और अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन और पांच वर्ष तक प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन करने पर 10 अंक, समय से टीकाकरण के 10 अंक और समय पर कीड़े निकालने की दवा खाने के पांच अंक दिए गए। प्राप्त अंकों के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, पोषण पंचायत के सदस्य, ग्राम सभा के प्रतिनिधि, एएनएम, आशा और स्थानीय शिक्षक ने प्रतियोगिता में सफल बच्चों को नामित किया।

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