नौबस्ता बाईपास से डेढ़ महीने की बच्ची के अपहरण की झूठी सूचना से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। सूचना पर नौबस्ता हनुमंत विहार थाने की पुलिस ने सख्ती से पूछताछ और जांच की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। पता चला कि एक महीला ने अपनी सहेली को बच्ची गोद दी थी, अब वह बगैर बताए वापस लेकर चली गई। फंसाने के लिए दंपति ने झूठी सूचना दी थी।

महिला ने तीसरी संतान भी बेटी हुई तो सहेली को दिया था गोद

बर्रा हरजेंदर नगर निवासी पिंकी पाल के बच्चे नहीं हैं। उनका ससुराल शिवराजपुर में है, लेकिन वह मौजूदा समय में मायके में रहती हैं। पिंकी के मायके के बगल में घाटमपुर निवासी कोमल ठाकुर किराए पर रहती थी। दोनों में अच्छी दोस्ती थी। कोमल के दो बेटियां पहले से थीं और डेढ़ महीने पहले एक बेटी और हो गई। इसके चलते कोमल ने अपनी तीसरी बेटी पिंकी को गोद दे दिया था। डेढ़ महीने बाद शनिवार को कोमल ने पिंकी को नौबस्ता बाईपास पर मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद कहा कि मेरी बच्ची दे दो, मां को बहुत याद आ रही है। दो घंटे बाद इसे वापस पहुंचा देंगे। बच्ची ले जाने के बाद कोमल वापस नहीं लौटी और फिर उसने फोन पर बच्ची को लौटाने से इनकार कर दिया।

इस्से झल्लाए पिंकी और उसके पति सुशली ने साजिश रची और हनुमंत विहार थाने की पुलिस को झूठी सूचना दी कि उसकी दुधमुंही बच्ची को अगवा कर ले गए। पुलिस ने पिंकी के घर पहुंचकर जांच-पड़ताल की तो सच्चाई का खुलासा हो गया। इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। अब पुलिस ने कोमल से संपर्क करके उसको भी पूछताछ के लिए बुलाया है।

डीसीपी खुद जांच करने पहुंचे, पूछताछ में टूट गए दंपति

डीसीपी साउथ प्रमाेद कुमार ने बताया कि बच्ची के अपहरण की सूचना पर वह खुद मौके पर जांच करने पहुंचे। दंपति से पूछताछ की तो दोनों बार-बार बयान बदल रहे थे। इसके चलते संदेह बढ़ गया। फिर पूछा कि बेटी किस अस्पताल में पैदा हुई थी…? आप नौबस्ता बाईपास पर क्या करने आईं थी…? अगवा करने वाले आपको पूर्व परिचित हैं तो बच्ची को लेकर क्यों भागे…? इस तरह दर्जनों सवाल दंपति से पुलिस ने पूछे तो दोनों खुद ही अपनी साजिश में उलझ गए। इसके बाद दंपति ने सच्चाई बता दी।